Sunil Yadav is now considered a martyr in Neemkathana sikar
नीमकाथाना. राजस्थान के एक फौजी परिवार के संघर्ष ने केन्द्र सरकार को झुका दिया। यह परिवार है सीकर जिले के नीमकाथाना निवासी सुनिल यादव का, जो पिछले डेढ़ साल से सुनिल को शहीद का दर्जा दिलवाने की मांग कर रहा था। सरकार ने भारत-चीन सीमा पर देश के लिए जान देने वाले सुनिल यादव को अब शहीद माना है।सुनिल के पिता सांवलराम यादव को गुरुवार को आर्मी हैडक्वार्टर में सेना अधिकारियों ने बैटल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट सौंपा, जिससे सुनिल यादव को शहीद का दर्जा मिल गया है। इससे पहले तक सेना सुनिल की फिजिकल केजुअल्टी की वजह से ही मौत होना मान रही थी। शहीद परिवार के बैटल केजुअल्टी की लगातार मांग चलते भारत सरकार ने अब यह फैसला लिया है।
गौरतलब है कि नीमकाथाना की अभय कॉलोनी निवासी गनर (जीडी) सुनिल 18 अक्टूबर 2014 को भारत-चीन सीमा पर अरूणाचल प्रदेश के यांग्त्से सैक्टर में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पैट्रोलिंग के दौरान ऑक्सीजन की कमी से शहीद हो गए थे। मगर सेना ने उनकी मौत फिजिकल कैजुएल्टी मानकर शहीद का दर्जा देने से मना कर दिया था।
अब सरकार ने अपना फैसला पलटकर सुनिल की मौत बैटल कैजुअल्टी से मानते हुए 20
मई को सर्टिफिकेट जारी किया है। शहादत का प्रमाण मिलने पर शहीद वीरांगना
कांता यादव सहित परिवार को राहत मिली है।
शहादत के आगे झुकी सरकार : नीमकाथाना के इस फौजी को डेढ़ साल बाद माना शहीद
सुनील यादव को मिला शहीद का दर्जा. भारत-चीन सीमा पर देश की सुरक्षा करते हुये शहीद हुये सुनील यादव को सरकारी नियमों की पेचीदगी के चलते, शहीद का दर्जा दिलवाने के लिये शहीद के पिता सांवल राम यादव को लम्बा संघर्ष करना पड़ा । बेटे की शहादत को सम्मान दिलवाने के लिये दिल्ली जन्तर मन्तर पर आमरण अनशन से लेकर मंत्रालय तक लगातार चक्कर लगाने के संघर्ष मे जो पीड़ा पुत्र की शहादत के बाद सांवल राम यादव को सहनी पड़ी. उसे बयां करना कठिन है .! गर्व के साथ सलाम करते हैं, सुनील यादव की शहादत को सलाम करते हैं , शहीद पिता सांवल राम यादव को जिन्होंने इस विषम स्थिति मे शहादत के सम्मान के लिये संघर्ष किया .! सलाम है उन सभी परिजनों को जिन्होने देश के लिये कुर्बानी पर फक्र सुनील की शहादत को लिया।
देश के हुकमरानो ने शहादत को सम्मान देने मे जो देरी की उसके लिये उन्हें सोचना चाहिए..!
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कृपया ध्यान देवे ...............
Let's Read full cover story here :- all Nkt wants to see Sunil Kumar Yadave Name as Shaheed Sunil Kumar But our Govt Is Not Given any action .......
Neemkathana Voice :- Shaheed Sunil Kumar Yadav .... Please Share if You are From Nkt
वायदा किया था दिवाली साथ मनाने का ,,आया तो तिरंगे में लिपटकर !!!!!!!!
वो जून में घर आया था तो खुशियो की सौगात लेकर ,,,छुटिया ख़तम हुयी तो सह -कुशल मातृभूमि की सेवा की लिए घर से विदा हुवा ,इस वादे के साथ की वो दिवाली पर वापस आएगा ...घर पर लक्ष्मी के त्यौहार की तैयारी चल रही थी , बेटे के घर आने की खुशी एक सैनिक परिवार ही समझ सकता है ...अपने तय समय पर दीपावली का त्यौहार तो आया वो भी अपने वायदे के मुताबिक आया लेकिन तिरंगे में लिपटकर ,,बिलकुल खामोस होकर ,
मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणो की आहुति देकर,,,इस वादे के साथ आप को दीवाली का त्यौहार मुबारक हो , अब हम तो सफर करते है ,बस इतना सा याद रहे की एक साथी वो भी था ...घर की खुशिया काफूर थी ,अनजान मासूम बच्चे अपने पिता की सहादत को समझ नहीं पा रहे थे ,,,,क्योंकि वो भी दीपावली पर अपने पिता के साथ पटाके चलाने को आतुर थे ,,,
यह वह जांबाज है जिसने भारत-चीन सीमा पर फाल्कन ओपरेशन मे देश की सीमा की सुरक्षा करते हुये पैट्रोलिंग के दोरान खतर्नाक मोसम मे आक्सीजन की कमी से18-10-2014 को शहादत दे कर वतन को सजदा करते हुये अपना नाम देश के इतिहास मे लिखाते हुये अमर हो गया !
शहीद हुए सीकर के छावनी गांव के शहीद सैनिक सुनील कुमार यादव का शव उसके पैत्रिक गांव सेना के अधिकारी लेकर पहुंचे।ही गांव में मातम छा गया।शव शव पहुंचते ही सुनील की माता और पत्नी बेहोश होकर गिर पड़ी।पिता सांवलराम यादव फुट फुटकर रोने लगे सुनील के आठ साल का बड़ा बेटा अभिषेक यादव रोते हुए पिता के मृत शरीर को बार बार जगाने की कोशिश कर रहा था दुनियां से अनजान तीन साल का छोटा अंश यादव की नजरे तो घर के रोते बिलखते परिवार को देख रही थी
शहीद सैनिक का शव पहुंचने पर आस-पास गांव के सेंकडों लोग व राजस्थान के कई प्रशासनिक अधिकारी भी उसे भावहीन श्रद्धांजलि देने पहुंचे। घर वाले अभी इस दुःख और पीड़ा से उभर भी नहीं पाये थे की कुछ दिन बाद उन्हें पता चला की अभी तक सरकार ने उनके बेटे को शहीद का दर्जा नहीं दिया है।बुजुर्ग पिता जी ने आज कई महीनों से राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार आर्मी चीफ को इसके मामलें के बारें में बार बार लिखित शिकायत भेजा पर कही से अब तक कोई जवाब नहीं आया, पेंसन भी इसी कारण नही हो पाई,जिससे शहीद का परिवार गम्भीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है ,बच्चो को पधाना मुस्किल हो रहा है!
अब दर बदर की ठोकरें खानें पर मजबूर हुआ शहीद का परिवार
मत करना सरहद पर खड़े होकर देश की सुरक्षा।नहीं तो तुम्हारें मरनेँ पर तुम्हारा परिवार भूखों मरेगा ..
शहीद सुनील कुमार यादव के बूढ़े पिताजी के कुछ दर्द जो बयां किये है। ..
दिन भर पूरे परिवार की साझ सम्हाल कर ,अपना दयित्व निर्वहन कर ,सहीद सुनिल कुमार यादव के छोटे बेटे अंश यादव के भोले भाले मासूम चेहरे से जब सवाल करता है कि दादु मेले छुलीन पापा ड्युटी छे कब आयेंगे तब अपने सीने पर पत्थर रख कर,खून के आंसू पी कर,पोते का मन खुश करने के लिये कडवी सच्चाई को जानते हुये भी जबाब देना पडता है कि बेटे तेरे सुनिल पापा जल्दी ही आयेंगे!
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इन सब संकटो से जुझते हुये जब अपने बेटे की सहादत का अपमान सरकार को दोहरे मान दंड के कारण सरकार द्वारा अभी तक सहीद का दर्जा नही दियाजाने से प्रधान सेवक से मंत्री,संत्री ,तक सबके दरवाजे खटखटा चुके है लेकिन अभी तक सरकार के कानो मे जू तक नही रेंगी है जो बहुत ही दुखदायी है ,सबको सोने के बाद मे हालात पर रो रो कर अपना दिल हल्का कर लेता हू ,आप मेरे सच्चे मददगार हो,मुझे लगता है बेटे की सहादत के सम्मान ओर हक के लिये( शहीद सुनिल कुमार यादव जो 18-10-2014 को भारत - चीन सीमा फाल्कन ओपरेशन मे पैट्रोलिंग करते हुये 18000 फुट ऊचाई - 15 डिग्रीसेंटीग्रे
शहीद का पिताजी
देहदानी सांवल राम यादव
सेवामे
श्रीमान प्रधानमंत्री महोदय
भारत सरकार, नई दिल्ली
प्रसंग; - न0 15200061एन शहीद सुनिल कुमार यादव,316एफ डी रेजिमेंट c/o 99 A P O ,को बैटल कैजुल्टी डिक्लीयर करने के क्रम मे
महोदय ,
उपरोक्त सन्दर्ब मे निवेदन है कि मेरा पति शहीद सुनिल कुमार 18-10-2014 को भारत - चीन सीमा पर ओपरेशन फाल्कन मे पैट्रोलिंग करते हुये आक्सीजन की कमी से (दुर्गमपहाडियो ,18000 फिट उंचाई,- 15 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान मे देश की सुरक्षा करते हुये शहादत ) शहीद हुये थे !
श्रीमन जी दिपावली पर अपने सुहाग के उजडते ही मेरी दुनिया उजड गई थी, केवल एक बात,सहारा दे रही थी,कि मेरा पति देश की सीमा की सुरक्षा मे ओपरेशन फाल्कन मे पैट्रोलिंग करते हुये शहादत देकर शहीद हुवा है ओर मै अपने पति की शहादत पर गर्व करते हुये, पहाड से संकट को जहर की घूट की तरह पी गई, लेकिन अब युनिट की तरफ से गथित कोर्ट ओफ इंक्वारी मे घटना को बैटल कैजुल्टी माना है,युनिट के सी ओ ने मिलिट्री हेडक्वाटर ओर अन्य सभी जगह अपनी रिपोर्ट भेजकर बैटल कैजुल्टी दिये जाने की सिफारिस की है !
श्रीमान जी आज दिन तक मेरे पति को शहीद का अधिकृत रूप से सरकार द्वारा पत्र प्राप्त नही हुवा है,जो मुझे एवम मेरे बच्चो को भारी वेदना पहुचा रहा है ,इस क्रम मे आप को पत्र द्वारा ओर रक्षा मंत्रालय को मिलकर कई बार निवेदन किया है , .......................................................................................
आज दिन तक इस कारण मेरी पेंसन भी निर्धारित नही की गयी है जिससे मुझे आर्थिक रूप से भी परेसानियो का सामना करना पड रहा है !
आपसे निवेदन है कि मेरे पति को शिघ्र शहीद का दर्जा देकर,शहीद की शहादत का सम्मान करेंगे!
भवदिया
वीरांगना - कांता यादव
अभय कोलोनी ,छावनी,नीमकाथाना
जिला- सीकर,राजस्थान
मासूम अंश यादव की प्रधान सेवक जी से एक सवाल ;- ...........?
प्रधानमंत्री महोदय
भारत सरकार, नई दिल्ली
मेले छुनील पापा ड्युटी से कब आएंगे,,,,,,,,,,
शहीद सुनिल कुमार यादव जो 18-10-2014 को अरूणाचल प्रदेश के यांगत्से सैक्टर मे 18000 फुट ऊचाई - 15 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान खतरनाक मोसम,आक्सीजन की कमी मे भारत- चीन सीमा पर फाल्कन ओपरेशन तहत पैट्रोलिंग के दोरान देश की सीमा की रक्षा का कर्तव्य निर्वहन अंतिम स्वाश तक वतन पर प्राण न्योछावर सदा सदा के लिये अमर हो कर देश के इतिहाश मे नाम स्वर्ण अक्षरो मे अंकित कर गया !,,,,,,,,,,,,,,
शहीद सुनिल कुमार क छोटा बेटा अंश यादव अपने पापा की सहादत से अंजान जब भोले भाले मासूम चेहरे से अपनी तोतली आवाज से परिजनो से रोज सुनिल पापा के ड्युटी से घर आने का सवाल करता है तो परिजनो को खून के आंसू पीते हुये मासूम अंश का दिल बहलाने के लिये कहते है बेटे सुनिल पापा जल्दी ही आयेंगे,ओर अन्दर ही अन्दर तिलमिला जाते है कि आखिर कब तक इस मासूम से सच्चाई छुपाई जायेगी!
श्रीमान प्रधानमंत्री महोदय ,आप ओर हुम मासूम अंश यादव को उसका पापा सुनिल कुमार यादव तो नही लोटा सकते लेकिन सहादत के आधार पर शहीद सुनिल कुमार यादव को शहीद का दर्जा अधिकृत रूप से दे कर शहीद की सहादत का सम्मान तो कर सक्ते है जिससे अंश बडा होकर अपने पापा की सहादत पर गर्व कर सके !
आपकी सरकार तो मनवीय आधार पर ललित मोदी की भी सहायता कर चुकी है ,आखिर सुनिल कुमार ने तो देश की सीमा की सुरक्षा मे पट्रोलिंग करते हुये अंतिम क्षणो तक देश की सेवा की है !
प्रधानमंत्री महोदय जी कृपया मासूम अंश यादव के पापा को सहीद का दर्जा अधिकृत रूप से दे कर मासूम के भविस्य की सुरक्षा करेंगे !
आशा है पी एम जी अपनी ही मन की बात कहते हो ,सब सुनते है विशेसकर बच्चे सुनते है,आप भी मासूम अंश यादव के मन की बात सुनेंगे जी !
जयहिन्द ,धन्यवाद
अंश यादव पुत्र सहीद सुनिल कुमार यादव
aB SAWAAL YE HAI KI... आर्मी/सरकार ने ?क्या ऐसी कोई नीति है कि "शहीद" का दर्जा किसे और किन हालात में दिया जाता है ?क्या पहले किसी सैनिक को इस हालत में "शहीद" का दर्जा मिला है ?
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लेकिन सरकार है कि कुछ करती ही नही आप से निवेदन है की इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा सेयर ओर लाईक, कमेंट कर शहीद को उसका हक ओर सम्मान दिलावे ! धन्यवाद
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